jantantra ki awaj
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समय कभी लोटकर नहीं आता है
आजकल आज कहकर यो ही गुजर जाता है
वक्त कम रह जाता है
किसी को किसी से सरोकार नहीं
किसी को किसी से प्यार नहीं
कोई गमो से पस्त है
तो कोई ख़ुशी में मस्त है
दोडा भागी के इस महफ़िल में
हर कोई इंसान व्यस्त है
देश किस गर्त में जा रहा है
यह कोई नहीं समझ नहीं पा रहा है
भ्रस्ताचार का ज्वालामुखी तैयार है
आतंक के भूचाल से फटने को बेताब है
हिंदुत्व को जगाना है
देश को बचाना है
जाग जाओ संभल जाओ प्यारे देशवासियों
हिंदुत्व का अस्तित्व ही जब मिट जाएगा
देश जब गुलामी की गर्त में गिर जाएगा
तब कैसे यह हिंदुस्तान कहलायेगा
अभी भी समय है बचालो भारतवर्ष को
बेकार न जाए शहीदों की क़ुरबानी
समझो अपने फर्ज को
देशहित में श्रीमती पुष्पा पाण्डेय
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