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सरबजीत को श्रद्धांजलि देते हुए मुझे यह लगता है की पाकिस्तान अपना उल्लू सीधा करने का बहुत ही मास्टरमाइंड देश है सरबजीत ही नहीं और भी कई हिन्दुस्तानी कैदियों को अपने ही जेल के अन्दर मुस्लिम कैदियों से पिटवाकर और हलाल की नीति अपनाकर हिन्दुस्तानी कैदियों को किस तरह सता सताकर मारा जाता है कैदियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करना तो मानो पाकिस्तान की एक चाल है गोश्त दो प्रकार के होते हैं एक तो झटका गोश्त होता है और एक हलाल गोश्त होता है मुस्लिमों में हलाल गोश्त को ज्यादा पोष्टिक और स्वादिष्ट माना जाता है हलाल का मतलब होता है की जानवर को तरसा तरसाकर मारना ऐसा करने से उसका रक्त जम जाता है और उसको जब पकाया जाता है तो वह स्वादिष्ट हो जाता है इसी तरह जब किसी इंसान को हलाल करके माना जाता है तो उसका रक्त जम जाता है लेकिन ब्लड सेल सक्रिय रहते हैं जब उस व्यक्ति के अंगों को निकालकर दुसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता है तो वह सुचारू रूप से कार्यरत हो जाते हैं मनुष्य के महत्वपूर्ण अंग दुसरे देशों में करोड़ों की कीमत के हिसाब से बिकते हैं मुझे यह लगता है की पाकिस्तान दुसरे देशों के कर्ज में डूबा हुआ है और उसके उप्पर चुनाव का भी खर्च है लिहाजा वह अपने मुस्लिम कैदियों से भारतीय कैदियों को हलाल करके मरवाता है हो सकता है वह उनके अंगों को विदेशों में बेच देता हो और वहां से उसे करोड़ों की कीमत मिलती होगी तभी तो दोनों कैदियों के महत्वपूर्ण अंग गायब हो गए और सीमा पर दो सैनिकों के कटे हुए सर भी नहीं मिले हो सकता है उसने सर गायब करके उन सैनिकों की आँख और मष्तिष्क के महत्वपूर्ण अंग विदेशों को बेच दिए हों नहीं तो सैनिकों के सर गायब होने का कोई सवाल ही नहीं उठता इस तरह पाकिस्तान की एक तीर से कई निशाने सिद्ध हो जा रहे हैं एक तरफ ऐसा करके वह सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहता है और महत्वपूर्ण अंगों को निकालकर विदेशों को बेचकर धन अर्जित करना चाह रहा है और अपने उप्पर हत्या का आरोप न लगते हुए कैदियों पर हत्या का आरोप लगा दे रहा है सरबजीत के उप्पर हो रहे अन्याय को देखते हुए अब तो बस एक ही रास्ता है की सारे भारतीय कैदियों को वापस भारत बुलाया जाए और भारत में मुस्लिम कैदियों को वापस पाकिस्तान भेजा जाए क्योंकि हमारे देश में तो मुस्लिम कैदियों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार होता है इसके विपरीत पाकिस्तान में भारतीय कैदियों को पानी तक नहीं मिलता
देशहित में श्रीमती पुष्पा पाण्डेय
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